Nagpur News: नागपुर विश्वविद्यालय में अब स्कूल ऑफ लॉ होगा शुरू

नागपुर विश्वविद्यालय में अब स्कूल ऑफ लॉ होगा शुरू
  • डॉ. आंबेडकर विधि महाविद्यालय और स्नातकोत्तर विधि विभाग का एकीकरण
  • विश्वविद्यालय ने अधिसूचना जारी की

Nagpur News. राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में अब "स्कूल ऑफ लॉ' शुरू होगा। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विधि महाविद्यालय और स्नातकोत्तर विधि विभाग को एकीकृत कर "स्कूल ऑफ लॉ' शुरू करने के संबंध में विश्वविद्यालय ने अधिसूचना जारी की है। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विधि महाविद्यालय के शताब्दी वर्ष में विश्वविद्यालय द्वारा लिया गया यह निर्णय ऐतिहासिक साबित होगा।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए विश्वविद्यालय में पिछले दो वर्षों से नवीन पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रयास चल रहा था। विश्वविद्यालय के 40 से 50 स्नातकोत्तर शैक्षणिक विभागों को विभिन्न स्कूलों में रूपांतरित करने का विचार है। इस दिशा में पहल करते हुए डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विधि महाविद्यालय और स्नातकोत्तर विधि विभाग को एकीकृत करने के संबंध में प्रभारी कुलगुरु डॉ. माधवी खोडे चवरे, प्रभारी प्र-कुलगुरु डॉ. सुभाष कोंडावार और कुलसचिव डॉ. राजू हिवसे के मार्गदर्शन में यह अधिसूचना जारी की गई। राज्यपाल द्वारा नामित प्रबंधन परिषद के सदस्य डॉ. समय बनसोड ने "स्कूल ऑफ लॉ' को तत्काल शुरू करने के लिए पहल की। इससे विश्वविद्यालय में अब एक ही स्थान पर स्नातक, स्नातकोत्तर से लेकर पीएचडी तक का शैक्षणिक सफर सुगम होगा।

प्रतिस्पर्धा में बने रहने लिया फैसला : नागपुर में नेशनल लॉ कॉलेज, सिम्बायोसिस लॉ कॉलेज सहित 20 नेशनल स्कूल ऑफ लॉ स्थापित हो चुके हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए 100 वर्ष पूर्ण कर चुके डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विधि महाविद्यालय को भी इस श्रेणी में लाना आवश्यक था। इस संबंध में विभिन्न समितियों और प्राधिकरणों से प्रस्ताव स्वीकृत होकर प्रबंधन परिषद ने पिछले वर्ष ही इस विषय को मंजूरी दी थी। इसके लिए स्टैट्यूट और अन्य औपचारिकताएं पूरी कर विश्वविद्यालय ने अधिसूचना जारी करते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। विश्वविद्यालय का ‘स्कूल ऑफ लॉ' अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार है।

पूर्व न्यायमूर्तियों ने भी खुशी जताई : "स्कूल ऑफ लॉ' शुरू होने से स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाएं एक ही स्थान पर संचालित की जा सकेंगी। विश्वविद्यालय के इस निर्णय से प्रशासनिक खर्च में भी बचत होगी। महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. श्रीकांत कोमावार ने इसके लिए प्रयास शुरू किए थे। दिवंगत कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी ने भी "स्कूल ऑफ लॉ' की स्थापना के लिए प्रयास किए थे। विवि में "स्कूल ऑफ लॉ' की स्थापना से पूर्व न्यायमूर्तियों और शहर के विधि क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों ने खुशी व्यक्त की है। शताब्दी वर्ष में "स्कूल ऑफ लॉ' की स्थापना पर प्राचार्य डॉ. रविशंकर मोर ने आनंद व्यक्त किया। उन्होंने नई जिम्मेदारी को पूरी करने का संकल्प भी जताया।

Created On :   15 May 2025 1:09 PM IST

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