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Nagpur News: निवृत न्यायाधीश से कराएं शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच

- पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने की मांग
- राज्य में बोगस प्रमाणपत्र के आधार पर हजारों शिक्षक नियुक्त किए गए
Nagpur News राज्य में शिक्षक भर्ती घोटाले को मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले से बड़ा ठहराते हुए पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने निवृत न्यायाधीश के माध्यम से जांच कराने की मांग की है। देशमुख ने कहा है- राज्य में बोगस प्रमाणपत्र के आधार पर हजारों शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। संस्था चालकों व अधिकारियों ने आर्थिक गड़बड़ी की है।
अधिकारियों के निर्णय का दुरुपयोग : इस घोटाले में नागपुर में कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है लेकिन राज्य में कई अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हो पाई है। 2011 में राज्य में शालाओं में विद्यार्थियों की जांच की गई थी। शाला में दाखिल विद्यार्थियों की संख्या व प्रत्यक्ष में उपस्थित विद्यार्थियों की संख्या में अंतर पाया गया। लिहाजा, राज्य सरकार ने 2012 में शिक्षक भर्ती पर बंदी करके शिक्षक समायोजन शुरु किया। लेकिन 2014 में पुन: अंग्रेजी, गणित व विज्ञान विषय के शिक्षक की भर्ती कुछ शर्त पर मंजूर की गई। शिक्षक भर्ती व शालार्थ आईडी देेने के संदर्भ में शिक्षा उपसंचालक को अधिकार दिया गया। अनेक संस्था चालकों ने अधिकारियों के निर्णय का दुरुपयोग कर बड़े पैमाने पर बोगस शिक्षक नियुक्त िकए।
पहले की तारीख में नियुक्ति : राज्य सरकार ने 2012 में शिक्षक भर्ती पर बंदी लगाई। उसके बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी शुरू की गई। 2019 से 2022 तक शिक्षक भर्ती की गई। अनेक नियुक्ति पहले की तारीख की दर्शाई गई। एक व्यक्ति को दो बार नियुक्ति दी गई। अनेक स्थान पर बोगस प्रमाण पत्र से नियुक्ति देने की शिकायतें सामने आईं। मुख्याध्यापक पद के लिए पात्रता नहीं होने के बावजूद बोगस कागजात जोड़कर नियुक्ति दी गई। इससे पात्र विद्यार्थी नौकरी से वंचित रह गए।
खुलासा करें : यह खुलासा करें कि राज्य में 2012 के बाद कितने शिक्षकों की भर्ती की गई। कितने पद मंजूर थे। कितने पद भरने के आदेश दिए गए। नियुक्ति दिए गए शिक्षक के नाम व पद स्थान की संपूण जानकारी दें।
Created On :   15 May 2025 12:15 PM IST