Nagpur News: नागपुर यूनिवर्सिटी के कमाओ और पढ़ो योजना से 33 छात्रों को मिला रोजगार

नागपुर यूनिवर्सिटी के कमाओ और पढ़ो योजना से 33 छात्रों को मिला रोजगार
  • नागपुर विश्वविद्यालय की योजना से लाभ
  • 22 महाविद्यालयों ने योजना में सक्रिय रूप से भाग लिया

Nagpur News राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा संचालित ‘कमाओ और पढो' योजना ने विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ रोजगार का अवसर देकर एक सराहनीय पहल की है। सितंबर 2024 से मार्च 2025 की अवधि में इस योजना के माध्यम से कुल 33 विद्यार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। इन विद्यार्थियों को प्रतिदिन 150 रुपए भुगतान किए गए। विश्वविद्यालय से संबद्ध 22 महाविद्यालयों ने इस योजना में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे छात्रों को कार्यानुभव के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी प्राप्त हुई।

कार्य अवधि और प्रकृति : यह योजना 15 सितंबर 2024 से 15 मार्च 2025 तक चली। विद्यार्थियों को प्रतिदिन अधिकतम 3 घंटे कार्य करने की अनुमति दी गई, जिसमें साप्ताहिक कार्य समय 78 घंटे से अधिक नहीं था। छात्रों को प्रशासनिक सहयोग, कंप्यूटर टंकण, ज़ेरॉक्स, टेलीफोन संचालन, बागवानी और परिसर रखरखाव जैसे कार्यों में नियुक्त किया गया।

ऐसे होता है चयन : योजना के तहत विद्यार्थियों का चयन कॉलेज के सूचना पटल पर सूचना जारी कर किया जाता है। स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के नियमित विद्यार्थी इस योजना के पात्र होते हैं। शहरी क्षेत्र के महाविद्यालयों में अधिकतम 1% और ग्रामीण क्षेत्र के महाविद्यालयों में अधिकतम 2% विद्यार्थी योजना में भाग ले सकते हैं। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यालयों में भी 50 विद्यार्थियों को कार्य का अवसर दिया गया।

पारदर्शी भुगतान प्रक्रिया : विद्यार्थियों को प्रतिघंटा 50 रुपये की दर से भुगतान किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय द्वारा 30 रुपये और महाविद्यालय द्वारा 20 रुपये वहन किए गए। यह भुगतान चेक के माध्यम से मासिक उपस्थिति के आधार पर किया गया और पावती ली गई।

सुविधा केंद्रों की स्थापना से मिली जानकारी : योजना की जानकारी विद्यार्थियों तक सुगमता से पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा गोंदिया के डी. बी. साइंस कॉलेज, भंडारा के जे. एम. पटेल कॉलेज, वर्धा के इंद्रप्रस्थ न्यू आर्ट्स कॉमर्स एंड साइंस कॉलेज, तथा काटोल के नबीरा महाविद्यालय में सुविधा केंद्र स्थापित किए गए। कुलगुरु डॉ. माधवी खोडे चावरे की संकल्पना और मार्गदर्शन से स्थापित इन केंद्रों ने योजना के प्रचार-प्रसार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

व्यावहारिक कौशल और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम : यह योजना न केवल आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को सहारा देती है, बल्कि उन्हें व्यावहारिक कौशल और अनुभव प्रमाणपत्र भी प्रदान करती है, जो उनके भविष्य के लिए उपयोगी होता है। ‘कमाओ और पढ़ो’ योजना उच्च शिक्षा और व्यावसायिक अनुभव का संगम है, जिसने विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित किया है। विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों की संयुक्त पहल शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रेरणादायी उदाहरण बन चुकी है। - डॉ. विजय खंडाल, (विद्यार्थी विकास निदेशक)


Created On :   13 May 2025 12:37 PM IST

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