SIR पर विवाद जारी: 'EC ने खोया जनता का भरोसा', RJD नेता मृत्युंजय तिवारी ने चुनाव आयोग को घेरा, फर्जीवाड़े का लगाया गंभीर आरोप

EC ने खोया जनता का भरोसा, RJD नेता मृत्युंजय तिवारी ने चुनाव आयोग को घेरा, फर्जीवाड़े का लगाया गंभीर आरोप
  • आरजेडी नेता का इलेक्शन कमीशन पर आरोप
  • कहा- लोगों ने खो दिया विश्वास
  • SIR को लेकर थम नहीं रहा विवाद

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता मृत्युंजय तिवारी ने रविवार (27 जुलाई) को SIR (विशेष गहन समीक्षा) को लेकर चुनाव आयोग पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इलेक्शन कमीशन पर जनता भरोसा खो बैठी है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने बिहार में SIR के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा होने का भी गंभीर आरोप लगाया है।मालूम हो कि, कल यानि सोमवार (28 जुलाई) को इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई होगी।

मृत्युंजय तिवारी का आरोप

राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने बिहार में जारी SIR पर कहा कि चुनाव आयोग जनता का भरोसा और विश्वास खो चुका है। बिहार में ये(SIR) नहीं चलेगा। इसके लिए लड़ाई और प्रतिकार सड़क से संसद तक हो रहा है। कल न्याय मिलेगा और जिस तरह से फर्जी फॉर्म भरे गए हैं, उसका संज्ञान न्यायालय भी लेगा कि बिहार में SIR के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट ने उठाए थे सवाल

हाल ही में बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर तिवारी ने कहा था कि तेजस्वी यादव और INDIA गठबंधन द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष दर्ज कराई गई आपत्ति के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी तरह की राय व्यक्त की, और पूछा कि आधार कार्ड, राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र को वैध क्यों नहीं माना गया है? 28 तारीख को फिर से इसकी सुनवाई होनी है। एक चर्चा के दौरान चुनाव आयोग की मंशा पर भी सवाल उठाए गए, जिसमें पूछा गया कि वे इतनी जल्दी इतने सारे मतदाताओं का पुनरीक्षण कैसे कर सकते हैं और यह पहले शुरू क्यों नहीं हुआ? चुनाव आयोग को निष्पक्षता के साथ चुनाव कराना चाहिए।

क्या है SIR?

मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का मतलब वोटर लिस्ट की दोबारा जांच करना और उसमें सुधार करना। चुनाव आयोग ने 24 जून को वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण का एलान किया था। इसका उद्देश्य पात्र लोगों का नाम सूची में डालना और अपात्र का हटना है। वहीं, विपक्ष का कहना है कि यह काम एक साल पहले होना चाहिए था। अब चुनाव इतने नजदीक आ गए हैं तो ऐसा क्या हो रहा है? इस मामले को लेकर विपक्ष सीधा सुप्रीम कोर्ट पहुचा।

Created On :   27 July 2025 3:21 PM IST

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